कुछ वक्त गुजर गया।
कुछ पल बिखर गए।
दोस्तो के किस्से पुराने नहीं होते।
धूप में कोई बरसता है क्या।
शायद तुझे मेरी याद आई होगी।
क्या पता कोई ख्याल मैं आया तो।
कल का पता कोई बता नहीं सकता।
में ढूंढने सारे जहां को निकला हुआ हु।
बारिश तू हर जगह एक जैसी नहीं है।
घर से दूर कोई और शहर मैं बसेरा है मेरा।
तेरी यादों मै बिखरा हुआ कंकड़ हु में।
कोई धूप नहीं रोक पाएगी मुझे।
दिल में जो बसता वो छांव में है।
आदतें तो मेरी सब पुरानी है।
कोई नया हैं जिसे मै गलत लगता हु।
सो जाऊ तो उम्र बहुत जल्दी निकल जाती है।
घर का आंगन मां के सिवा सुना सुना दिखता है।
मेरी उम्र भी लग जाए तुझको क्या पाएगा।
मां से दूर गया तो क्या जीत जाएगा।
कोई पुकार बाप के पास ले जाती है।
क्यू मैफिल में हम गाली बर्दाश्त करते है।
सपना जो में चाहूं बहुत उमदा हैं मेरा।
लेकिन तेरे दिल को छू लेने वाली कविताएं लिख पाऊं।
सोचकर जो बात कहूँ तो क्या मज़ा।
रिश्ता बातों से टूट जाए वो रिश्ता कैसा।
तेरी मुलाकात को मै अपने दिल में सजाऊं।
मंजिल तू जहां जाए तेरा साया में बन जाऊ।